एच डी बी फाईनेंशियल सर्विसेज के सी.ई.ओ. रमेश गणेशन, डायरेक्टर आदित्यपुरी व अन्य के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज

देश के नेशनलाइज बैंक हो या निजी बैंक सभी ने उपभोक्ताओं का शोषण करना प्रारंभ कर दिया है पिछले लगभग 3 साल से बैंकों के चार्जेस इस तरह से बढ़ रहे हैं कि आम उपभोक्ता के पास बचत के लिए कोई पैसा नहीं बच रहा पहले चेक डिसानर के जो ₹50 लिए जाते थे आज वही 500 600 हो चुके हैं लोन चुकाना कोई अपराध नहीं था लेकिन अब लोन चुकाने पर भी पेनल्टी लगाई जा रही है इसमें बैंक तो शामिल है ही रिजर्व बैंक के अंतर्गत चलने वाली एनबीएफसी भी उतनी ही सक्रिय है ऐसे में देश के आम जनता और व्यापारियों का जीना दूभर हो गया है सारी अर्थव्यवस्था का पैसा इन बैंकों में जा रहा है और जिन एनबीएफसी को अभी आर्थिक समस्या आ रही है उनके ग्राहक डिफाल्टर इसीलिए हो रहे हैं क्योंकि वह इतने ज्यादा में निर्धारित चार्जेस पेनल्टी और ब्याज देने में सक्षम नहीं है रिजर्व बैंक इन पर कंट्रोल नहीं कर रही बल्कि इन्हें संरक्षण दे रही है इसी संबंध में व्यक्तिगत नाम के लोन को यह लोग फर्म के लोन में दर्शा कर उपभोक्ताओं से पैनल्टी वसूल कर रहे हैं इस तरह की धोखाधड़ी उपभोक्ताओं को सहनिय नहीं है ऐसा ही एक मामला एचडीएफसी बैंक की सिस्टर कंसर्न एचडीबी फाइनेंशियल लिमिटेड के द्वारा किया गया है जिसमें एक महिला कृपा शर्मा के लोन को फर्म डीलर्स केयर के अंदर डाल कर पैनल्टी वसूल की गई। पत्रकार जे.के. वैष्णव के लोन को फर्म में डालकर पैनल्टी वसूल की गई इस संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया में शिकायत भी दर्ज की गई जिसकी शिकायत संख्या 1439/2018-19 है लेकिन इनकी उंची पहुंच के चलते शिकायत पर पिछले तीन माह में कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस धोखाधड़ी पर जयपुर के विधायकपुरी थाने में एफ आई आर दर्ज करवाई गई है एचडीबी फाईनेंसियल ने डीलर्स केयर मेगजीन को रिटेल व प्रोविजन स्टोर दर्शा कर यह पेनल्टी लगाई जो साफ फर्जीवाड़ा है जो प्रेस रिलीज के साथ संलग्न है